
समीर वानखेड़े चंद्रपुर महाराष्ट्र:
चंद्रपुर स्थित एशिया का प्रमुख ताप बिजली केंद्र आए दिन किसी न किसी कारणवश सुर्खियों में रहता है कभी प्रदूषण का मुद्दा तो कभी कर्मियों के शोषण का तो कभी तकनीकी खराबी या पिछले माह हुए ब्लास्ट जैसी घटनाओं के समाचार आए दिन समाचार पत्रों के मुख्य आकर्षण रहते है ।
ऐसा ही एक मामला सी एस टी पी एस के अग्निशमन विभाग के ठेका कर्मचारियों का विगत 3 माह से काम बंद किया गया है । जिससे ठेका कर्मियों के आजीविका का प्रश्न निर्माण हो गया है । विगत कुछ वर्षों से गोयल नमक व्यक्ति का अग्निशमन विभाग में ठेका चल रहा है । लेकिन ठेकेदार प्रत्येक वर्ष नवंबर में काम बंद कर गर्मियों में ठेका शुरू करता है जिससे जितने माह काम बंद होता है उतने माह का वेतन नहीं दिया जाता है जिस वजह से 28 ठेका कर्मियों के परिवार को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है । हर वर्ष की भांति गतवर्ष में 9 नवंबर से ठेकेदार द्वारा काम बंद किया गया लेकिन 9 नवंबर से पहले ही ठेका कर्मियों के एरियर्स के पैसे ठेकेदार के खाते में जमा हुए है ।
लेकिन उक्त ठेकेदार ने अपने कर्मियों को एरियर्स का भुगतान नहीं किया साथ ही 3 माह से ठेकेदार ने काम बंद तो वेतन बंद की नीति अपनाने से यहां के अग्निशमन ठेकाकर्मी आर्थिक संकट का सामना कर रहे है । काम चालू करने या वेतन अथवा एरियर्स की वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत करने पर पर ठेकेदार द्वारा काम से निकलने की धमकी दी जाती है । ज्ञात हो पिछले माह बिजली केंद्र में ब्लास्ट हुआ था जिससे केंद्र को भरी नुकसान हुआ था । ठेका कर्मियों का कहना है कि यदि वे उस समय कार्यस्थल पर होते तो उनकी तत्परता से केंद्र का नुकसान कम होता था । ठेकेदार द्वारा हर वर्ष 4 से 5 माह केलिए काम बंद करने पर बिजली घर प्रशासन द्वारा उक्त ठेकेदार परकोई करवाई क्यों नहीं की जाती यह सवाल हर ठेका कर्मियों के मन में निर्माण हो रहा है जबकि ठेका एक साल का होता है । लेकिन ठेकेदार द्वारा 4 से 5 माह काम बंद रखने पर भी उसे बिल का पूरा भुगतान किया जाता है ।
बहरहाल ठेका कर्मियों ने ठेकेदार तथा बिजलीघर तथा जिला प्रशासन को 10 फरवरी तक का अल्टीमेटम दिया है उसके बाद भी यदि अनुकूल निर्णय नहीं लिया गया तो आमरण अनशन की चेतावनी दी है ।